GAD प्रमुख महेश धामेचा को निलंबित करें
– लगाए गए आरोप सिद्ध होने पर मनपा प्रशासन की थातुर-मातुर कार्रवाई से क्षुब्ध मनपा विधि समिति सभापति अधिवक्ता धर्मपाल मेश्राम की मांग
नागपुर : विगत कुछ माह से मनपा की अहम् विभाग GAD के अधीनस्त सुरक्षा-रक्षक कंपनियों गैरकानूनी रूप से विभाग प्रमुख महेश धामेचा का शह होने का लगातार आरोप मनपा विधि समिति सभापति अधिवक्ता धर्मपाल मेश्राम लगा रहे.कुछ दिनों पूर्व आयुक्त राधाकृष्णन बी से मुलाकात बाद लगाए गए आरोप सही साबित होने के बाद कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति शुरू हुई,इससे क्षुब्ध होकर अधि. मेश्राम ने प्रशासन से GAD प्रमुख महेश धामेचा के निलंबन की मांग की.
मेश्राम के अनुसार प्रशासन ने लगाए आरोप शत-प्रतिशत सिद्ध होने पर विभाग प्रमुख महेश धामेचा पर कार्रवाई करने के बजाय UDC सुरेश शिवणकर को कारण बताओ नोटिस भेजा और 24 घंटे में जवाब देने का निर्देश दिया।प्रशासन के इस नित से यह साफ़ हो चूका हैं कि इतनी बड़ी जिम्मेदारी GAD प्रमुख महेश धामेचा नहीं बल्कि UDC सुरेश शिवणकर निभा रहे थे !
और फिर महेश धामेचा ‘क्या कंचे खेल रहे’ ?
मेश्राम ने जानकारी देते हुए GAD के HOD MAHESH DHAMECHA पर आरोप लगाया कि किशोर एजंसी ,सुपर सेक्यूरिटी सर्व्हिसेस का पुलिसिया लाइसेंस अवधि वर्ष 2016 में ही समाप्त हो गया था.जिसे अबतक छिपाए हुए थे.इन दोनों एजेंसी के साथ किया गया करार की अवधि 28 अप्रैल 2020 को समाप्त हो चुकी थी,इसके बावजूद इन्हें कायम रखा गया था.जब यह मामला सार्वजानिक किया गया तो मनपा प्रशासन के निर्देश पर GAD प्रमुख महेश धामेचा ने 13 जनवरी 2021 को UDC सुरेश शिवणकर को उक्त जानकारी छिपाने का आरोप लगाते हुए उन्हें 24 घंटे में जवाब देने सम्बन्धी कारण बताओ नोटिस थमाई गई,’अब मरता क्या न करता’ शिवणकर ने उन पर लगे आरोप स्वीकार लिया।
मेश्राम ने उक्त घटनाक्रम पर यह संगीन आरोप लगाया कि UDC शिवणकर के ऊपर आधा दर्जन वरिष्ठ अधिकारी हैं,लगभग सभी के हस्ताक्षर इस फाइल में अंकित हैं,इसका अर्थ सभी के सकारात्मक निर्देश पर ही UDC शिवणकर ने अपनी कलम चलाई होगी।
धामेचा के खिलाफ मामलें
1- जब धामेचा लकड़गंज जोन के वार्ड अधिकारी थे,तब लक्ष्मीकांत देवीदत्त मुरारका की एक इमारत को गैरकानूनी रूप से ‘अधिभोग प्रमाणपत्र’ जारी कर देने के खिलाफ लकड़गंज थाने में 12-12-2016 को मामला दर्ज करवाया था.
2- महेश धामेचा ने स्टेशनरी खरीदी मामले में 25,96,000 की गड़बड़ी का मामला की थी,नियमों की अवहेलना कर गुरुकृपा स्टेशनर्स ॲण्ड प्रिंटर्स,मेसर्स पी ॲण्ड जी सेल्स काॅरपोरेशन, मेसर्स सुदर्शन पेपर कनवर्टींग वर्क्स को उक्त राशि का भुगतान कर दिया था.
उक्त दोनों मामलों पर मनपा प्रशासन की चुप्पी समझ से परे हैं.
उल्लेखनीय यह हैं कि गत माह एक RTI कार्यकर्ता ने पिछले 5 साल की स्टेशनरी खरीदी और उसके लाभार्थियों का ब्यौरा की मांग की गई थी.यह जानकारी सुभेदार को देनी थी लेकिन उसने अपने कनिष्ठ पड़वंशी और एक अन्य को सौंप दी.दोनों कर्मियों ने जानकारी देने के बजाय एक पत्र जारी कर RTI कार्यकर्ता को 30-12-20 को कार्यालय फाइल देखने के नाम पर बुलाया।फिर उन्होंने RTI कार्यकर्ता से कहा कि उनके द्वारा पूछे गए सवाल समझा नहीं,तब RTI कार्यकर्ता ने उन्हें समझा दिया फिर उन्होंने जानकारी तैयार होने पर देने का आश्वासन दिया।
इसके बाद पड़वंशी और उनके सहयोगी ने RTI कार्यकर्ता पर आवेदन वापिस लेने हेतु दोतरफा दबाव बनाया और इसके बदले 25,000 रूपए देने का ऑफर भी दिया।जब मामला नहीं सुलझा तो सुभेदार ने एक पत्र जारी कर RTI कार्यकर्ता को लिखा कि आपने फाइलों का निरिक्षण किया और लिखित स्वरुप में अबतक जानकारी नहीं दी.जबकि RTI कार्यकर्ता एक माह की मुद्दत पूर्ण होने के बाद अपील दायर कर चुके थे.
इसके बाद RTI कार्यकर्ता ने महेश धामेचा को इसकी जानकारी दी तो उन सभी पर कार्रवाई करने के बजाय 28-01-21 को अपील की सुनवाई का पत्र जारी किया गया.
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