सीसी रोड फेज-2 धांधली पर बनी समिति की जाँच थमी ?
– इस माह नासुप्र मुख्य अभियंता गुज्जेलवार का सेवानिवृत्ति पर वक्रदृष्टि मनपा प्रभारी CE की,इसलिए जाँच पर आंच
नागपुर : नागपुर मनपा अधिकारियों के सांठगांठ से सीमेंट सड़क फेज-2 में टेंडर घोटाला सह भुगतान में धांधली की गई.विगत वर्ष मनपायुक्त राधाकृष्णन बी ने उपलब्ध सबूतों के आधार पर कार्रवाई करने के बजाय एक जाँच समिति गठित कर सभी दोषियों को एक मौका दिया।इसके बाद इस समिति में शामिल CE ने अपने प्रभाव से दोषी ठेकेदारों को बचाने का असफल प्रयास किए,अब चुकी जाँच समिति का कामकाज इसलिए प्रभावित हो गया क्यूंकि मनपा की प्रभारी CE को नासुप्र के CE गुज्जेलवार के सेवानिवृत्ति का बेसब्री से इंतज़ार हैं,उनके निवृत्ति बाद मनपा की प्रभारी CE को उम्मीद हैं कि उन्हें नासुप्र का नया CE बनाया जा सकता हैं.इस चक्कर में आयुक्त द्वारा सौंपी गई अहम् जिम्मेदारी को नज़रअंदाज किया जाना गर्मागरम चर्चा का विषय बना हुआ हैं.
याद रहे कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के पहल पर मनपा में सड़क निर्माण में हो रहे भ्रस्टाचार को ख़त्म करने के लिए प्रत्येक वर्ष डामर सड़क निर्माण की बजाय CEMENT ROAD निर्माण को अलम में लाया गया.इसमें भी मनपा के तत्कालीन COMMISSIONER की अनभिज्ञता के कारण तत्कालीन CE,CAFO,SE,EE,DEPUTY,JE और अन्य वित्त विभाग के अधिकारियों ने बड़े घोटाले को अंजाम दिया।इसका खुलासा RTI कार्यकर्ता ने किया तो महापौर ने जाँच समिति गठित की,जिसे ख़ारिज कर वर्त्तमान आयुक्त में एक समिति गठित की,जो काफी निष्क्रियता प्रदर्शित कर रही.इसका सरासर फायदा वर्त्तमान CE उठा रही क्यूंकि उक्त ठेकेदार समूह के एक पार्टनर DC GURBAKSHANI समूह से मधुर संबंध हैं.इसलिए मनपायुक्त राधाकृष्णन बी से RTI कार्यकर्ता और MODI FOUNDATION ने मांग की कि समिति की ढुलमुल नीति पर ACTION ले या फिर CE को समिति से बर्खास्त कर उसे उसके मूल विभाग में भेजें।
सीमेंट सड़क निर्माण में राज्य सरकार ,नागपुर सुधार प्रन्यास और मनपा का 100-100 करोड़ का योगदान हैं.विशेष कर मनपा ने अपना शेयर इसमें डालने के लिए राष्ट्रीयकृत बैंक से LOAN भी लिया हुआ हैं.गडकरी की पहल पर सत्तापक्ष ने सीमेंट सड़क प्रकल्प को काफी गंभीरता से लिया।जब उक्त घोटाले का NAGPUR TODAY और RTI कार्यकर्ता ने पर्दाफाश किया तो सत्तापक्ष ने मामले की गंभीरता को देख तत्काल एक जाँच समिति स्थाई समिति सभापति के अध्यक्षता में गठित की,जिसकी भनक लगते ही मनपायुक्त राधाकृष्णन बी ने उस जाँच समिति को गैरकानूनी ठहरा दिया।इसके बाद MODI FOUNDATION के चेतावनी बाद उन्होंने एक समिति बनाई।जिसमें कोल्हे,उपाध्ये,बैनर्जी,अधिवक्ता कसाट और कार्यकारी अभियंता लकड़गंज आदि को शामिल किया।इस समिति की अबतक एक बैठक हुई,जिसमें CE ने DC GURBAKSHANI को बचाने के लिए एक ड्राफ्ट तैयार कर सभी से हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया,तत्काल किसी ने उनका साथ नहीं दिया और साफ़-साफ़ कह दिया कि ‘हम अपना SAY दिए बिना कोई हस्ताक्षर नहीं करेंगे’.इससे CE की साजिश असफल हो गई.
लेकिन उल्लेखनीय यह हैं कि उक्त जाँच समिति अन्य जाँच समिति के बनस्पत सक्रिय नहीं हैं.सभी के राग अलग-अलग हैं.शिवाय CE के किसी ने उक्त घोटाले से सम्बंधित प्राप्त लिखित शिकायत,दिए गए सबूत का अध्य्यन नहीं किया।CE के अनुसार M/S ASHWINI INFRA – DC GURBAKSHANI के पास टेंडर प्राप्त करने से सम्बंधित कोई भी कागजात नहीं हैं.अर्थात टेंडर की शर्तों का पालन न करने के बावजूद इन्हें टेंडर का WORKORDER दिया गया.इस सन्दर्भ में CE से DC का मधुर संबंध होने के कारण 3-4 बार CE से DC के ‘ॐ’ मिले और बचाने की मिन्नतें की.क्यूंकि CE और DC काफी पुराने परिचित हैं,इसलिए DC के एक संचालक को CE ‘भैय्या’ से सम्बोधित करती हैं.एक तरफ CE उसे बचाने के कई असफल कोशिश कर रही तो दूसरी तरफ CE ने DC को कह दिया काफी मुश्किल हैं,मुझे न चाहते हुए भी कार्रवाई करनी पड़ेंगी,यह मेरे लिए दुखदायी हैं.
एक अन्य समिति सदस्य तो इस जाँच को लेकर काफी लापरवाह नज़र आ रहे,उनका कहना हैं कि अभी ठीक से उपलब्ध कागजात नहीं पढ़ा,याने पढ़ने का वक़्त नहीं मिला।सरसरी तौर पर देखने से यह पता चला कि कुछ मामलों में एनएमसी याने प्रशासन फंस रही.
शेष समिति सदस्यों ने भी अबतक जाँच संबंधी अपना SAY नहीं दिया,ऐसी खबर CE कार्यालय सूत्र बतलाते हैं.अर्थात जाँच में बाधा डाल मनपा प्रशासन अपनी गिरेबान बचानी चाह रही,दरअसल ठेकेदार प्रत्यक्ष तौर पर दोषी नहीं हैं,प्रशासन के तत्कालीन CE,CAFO,SE,EE,DEPUTY,JE के वजह से उक्त धांधली हुई.
उल्लेखनीय यह हैं कि मनपा की प्रभारी CE के पास नासुप्र का SE की जिम्मेदारी हैं,अर्थात एनएमसी की जिम्मेदारी उन्हें अतिरिक्त सौंपी गई.इनकी CE के लिए PROMOTION भी हो चूका हैं,क्यूंकि वर्त्तमान में नासुप्र CE गुज्जेलवार हैं,जिनके काऱण नागपुर की प्रभारी CE को नासुप्र का CE का पद नहीं दिया गया.अब चूँकि गुज्जेलवार सेवानिवृत होने जा रहे,इसलिए मनपा की प्रभारी CE को नासुप्र का स्थाई CE बनने का अवसर मिल सकता हैं.दूसरी ओर भी EXTENSION के लिए मंत्रियों हैं,नासुप्र को पुनः जिन्दा करने में इन्होने मंत्रियों के साथ अहम् भूमिका निभाई।अगर गुज्जेलवार को EXTENSION तो मनपा की प्रभारी CE के मनसूबे पर पानी फिर सकता है.
उक्त चक्कर में आयुक्त द्वारा गठित CC ROAD फेज-2 के गठित जाँच समिति ठन्डे बस्ते में चली गई,ऐसी चर्चा मनपा PWD विभाग में शुरू हैं.इससे CE का बड़ा फायदा हुआ क्यूंकि उनके करीबी दोषी ठेकेदारों को फ़िलहाल राहत मिल गई है,इससे क्षुब्ध आरटीआई कार्यकर्ता जल्द ही न्यायालय में याचिका दायर करने की भी सूचना मिली हैं.
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