गोंदिया: नक्सलियों की दहशत को मात
किसान खेत में , बाजार खुले हैं , सड़कों पर आवाजाही शुरू
गोंदिया: नक्सलियों के शहीद सप्ताह का आज चौथा दिन है, गोंदिया जिले के नक्सल प्रभावित तहसीलों के अतिदुर्गम इलाकों तिरखुड़ी , नागनडोह, भरनौली , सलंगटोला, राजगुड़ा , राजोली गंधारी , बिजेपार ,नवाटोला, चांद सूरज, खेलगढ़, फुक्कीमेटा, मरामजोब , ककोड़ी, गल्ला टोला ,डोमाटोला, पाऊलझोला , येरंडी , कारुझरी, तुमड़ीमेंढा, बोंडे , लक्ष्मीनगर , केशोरी, धाबेपवनी , बकी (मेढ़की) आदि इलाकों में पहले दिन से नक्सली बंद बेअसर है।
लोग घरों से बाहर निकलकर बाजार आ रहे हैं , किसान खेत जा रहे हैं , मजदूरी के काम पर सामान्य दिनों की तरह कामगारों का आना जारी है।
इतना ही नहीं वाहनों की आवाजाही पर भी कोई असर नहीं है , निजी बस , टैक्सी-आटो भी सड़कों पर दौड़ रहे हैं तथा गांव के बाजार भी सामान्य दिनों की तरह खुले हुए हैं।
इससे पहले नक्सलियों का विरोध इन प्रभावित क्षेत्रों में कभी नहीं हुआ , यह पहला मौका है जब ग्रामीणों ने नक्सलियों के दहशत को मात देते हुए घर से निकल कर खेत , मजदूरी , बाजार का रुख किया है ।
कहीं ना कहीं यह दृश्य यह बताने के लिए काफी है कि नक्सलवाद के खिलाफ ग्रामीणों के मन में बैठा हुआ डर , अब खत्म हो रहा है जो भविष्य में क्षेत्र ओर जिले का नक्सल मुक्त होने का संकेत है।
पुलिस का जंगल में सर्च ऑपरेशन जारी
नक्सली शहीद सप्ताह की शुरूवात 28 जुलाई से हो गयी है , इसे लेकर गोंदिया जिला पुलिस अलर्ट पर है ऐसी जानकारी आला पुलिस अधिकारी ने देते बताया- कोरची- कुरखेड़ा- देवरी दलम (के.के.डी), दर्रेकसा दलम, प्लाटून 55 दलम, तांडा दलम इन 4 सक्रिय नक्सली दलम के हर मूमेंट पर पुलिस नजर बनाए हुए है तथा नक्सलियों को मुंह तोड़ जवाब देने को जवान मुस्तैद और सक्रिय है , रेस्ट जोन कहे जाने वाले इलाकों में रेग्यूलर सर्चिंग ऑपरेशन , बार्डर से लेकर भीतर जंगल तक जारी है।
दहशत फैलाने के इरादे से अगर कोई भी दलम हरकत करता है तो उसे बूलेट का जवाब बूलेट से दिया जाएगा।
बौखलाए नक्सलियों ने चिपकाए थे बैनर- पोस्टर
पुलिस के हाथों मुठभेड़ में मारे गए नक्सलयों को शहीद बताते हुए हर साल 28 जुलाई से 3 अगस्त के बीच शहीद सप्ताह मनाया जाता है
बौखलाए नक्सलियों अपनी उपस्थिति दर्ज करते हुए देवरी तहसील के चिचगढ़ थाना अंतर्गत आने वाले मगरडोह सहित पालांदूर, बंदीटोला, भरनोली इन इलाकों में 22 जुलाई 2020 को बैनर-पोस्टर चिपकाए थे।
पोस्टर के माध्यम से जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों के आदिवासियों से शहीद सप्ताह मनाने की बात कहीं थी।
मालूम हो कि, गड़चिरोली डिवीजन कमेटी द्वारा किए गए पोस्टरबाजी में फासीवादी ताकतों के खिलाफ आदिवासी, किसान, मजदूर, नौजवानों से एकजुट होकर आवाज बूलंद करने को कहा था, इसके अलावा जनवादी क्रांति जिंदाबाद के नारे का जिक्र करते हुए माओवादी नेता चारू मजूमदार की स्मृति में दिर्घकालीन जनयुद्ध को ऊंचा उठाने की अपील करते शहीद सप्ताह मनाने को कहा गया था, जिसे ग्रामीणों ने अब सिरे से खारिज कर दिया है इसे नक्सल मूमेंट के जिले से खत्म होने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
रवि आर्य
गोंदिया: नक्सलियों की दहशत को मात
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