केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय आदेशानुसार संदिग्थ मरीज़ को होम क्वारंटाइन करने पर प्रशासन करे विचार : साहील सैय्यद
बाबा बगदादिया बहुउद्देश्यीय संस्था के अध्यक्ष व युवा नेता साहील सैय्यद ने प्रशासन से मांग की है कि शहर में एक ही एरिया के बड़ी मात्रा में पाए जाने वाले संदिग्ध कोरोना पेशंट को उन्ही के घरों में होम क्वारंटाइन किया जाए । आज जिस तरह सतरंजीपुरा के एक ही बस्ती के सैकड़ो लोगों को विभिन्न क्वारंटाइन सेंटरों में रखा गया है, उसके कारण क्वारंटाइन किये गए परिवारों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है ।
क्वारंटाइन किये गए कई लोग उच्च रक्तचाप (हाइ ब्लड प्रेशर) , मधुमेह( ब्लड शुगर) हार्ट एवं हड्डियों की समस्याओं से ग्रसित है जिन्हें अगर समय पर दवाईयां नही दी गयी तो और भी समस्या उत्पन्न हो सकती है ।
इस गतिविधि में बड़े और बुजुर्गों के साथ काफी प्रमाण में छोटे-छोटे बच्चों का भी समावेश है , जैसा कि हम सब जानते है बच्चों की रोग प्रतिकारक क्षमता (Immunity) कम होती है और उनको Atmosphere acquired infection जल्दी होने की डर बना रहता है ।
ऐसे में मुझे लगता है कि कहीं हम हमारी आनेवाली पीढ़ी के जान के साथ भी खिलवाड़ तो नही कर रहे ।
रमज़ान के इस महीने में क्वारंटाइन किये गए कई पेशंट रोज़ा रख रहे है जिन्हें सुबह 4 बजे सहरी व शाम को 6.30 बजे इफ्तार करना होता है इसके अलावा जो बीमारी के कारण रोज़ा नही रख रहे है उनके भी खाने पीने का समय अलग- अलग होता है ।
उपरोक्त सभी समस्याए मरीजों को घरो में क्वारंटाइन करने पर ही हल हो सकती है । जिससे प्रशासन के समय और खर्च दोनों पर अंकुश लगाया जा सकता है । उपरोक्त होम क्वारंटाइन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सह-सचिव लव अग्रवाल द्वारा मंगलवार को आदेश भी जारी किया जा चुका है।
शहर में अगर किसी बस्ती में अनेक मात्रा में संदिग्ध पेशंट पाए जाते है तो उनके बस्ती में हर 5 घर के बीच एक पोलीस कॉन्स्टेबल या होमगार्ड रखकर भी लोगो को उन्ही के घर मे क्वारंटाइन किया जा सकता है जिससे महाराष्ट्र सरकार व प्रशासन पर अतिरिक्त ख़र्चे का भार भी नही पड़ेगा । आज होम क्वारंटाइन करने की जो बात हम कर रहे हैं , उसकी पहल दिल्ली और मुम्बई में पहले ही हो चुकी है ।
जिस तरह क्वारंटाइन किये गए पेशंट को क्वारंटाइन करने के बाद 14 दिनों के भीतर 2 बार ब्लड का सैम्पल व स्वयाब (swab) लेकर लैबोरेटरी भेजा जाता है उसी तरह उस एरिया में डॉक्टर्स की टीम रखकर घरो में होम क्वारंटाइन किये हुए पेशंट का भी टेस्ट किया जा सकता है । अगर टेस्ट में पेशंट पॉजिटिव पाया जाता है तो उसको वहा से GMC या IGMC में शिफ्ट किया जा सकता है ।
आज सभी क्वारंटाइन सेंटरो में जिस रूम में पेशंट पॉजिटिव पाया जाता है उस रूम को बिना fumigate ( सैनिटाइज) किये दूसरे पेशंट को रूम दे दिया जाता है ।
आमदार निवास क्वारंटाइन सेंटर में पेशंट एक रूम से दूसरे रूम में जाकर बैठते है तथा बाहर निकलकर घूमते रहते है जिस तरह क्वारंटाइन सेंटरों की जो अनेक खामियां बाहर आ रही है उससे नेगेटिव पेशंट भी पॉजिटिव आने का खतरा बना हुआ है।
उपरोक्त सभी विषयों को ध्यान में रखते हुए व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का जो आदेश जारी हुआ है उसके मुताबिक जिल्हाधिकारी , मनपा आयुक्त व प्रशासन के अधिकारी का ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है ।
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