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कोरोना वायरस के भय से देश की जनता मांसाहार त्याग शाकाहारी बन रहे है- मोटवानी

Nagpur Today : Nagpur News

दालों की खपत 25 प्रतिशत बढ़ी।सार्थक हो रहा है “दाल रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ”

नागपुर: कोरोना वायरस के भय से देश मे करीबन 30 से 40 प्रतिशत लोगो ने मांसाहार का त्याग किया है।।उसके स्थान पर दालों का सेवन शुरू कर दिया है ऐसी जानकारी नागपुर के 75 साल पुराने होलसेल अनाज दाल अस्सो के सचिव प्रताप मोटवानी ने बताई ।मोटवानी ने बताया कि गत कई वर्षों से देश मे दलहन का उत्पादन बढ़कर 240 से 250 लाख टन हो रहा है और खपत लगभग 250 लाख टन की अनुमानित है।

दलहन का उत्पादन बढ़ने से कई दलहन समर्थन मूल्यों से बेहद कम भाव बिकने से किसानों को भारी नुकसान हो रहा था।सरकार ने दलहन आयात पर रोक लगाना शुरू किया।।सभी दलहनों पर मात्रात्मक प्रतिबन्ध लगाने के आदेश जारी किये, विदेशो से चना ,तुअर, मूंग उडद, बटाना ,मसूर काबली चना हरा बटाना का आयात होता है। स्टॉक सिमा पर रोक हटा दी , बन्द निर्यात को शुरू किया।अनेक दलहनों पर भारी संख्या में आयात ड्यूटी लगाई , सरकार ने भी भारी मात्रा में सरकारी एजेंसियों के माध्यम से देश विदेश से दलहनों की खरीदी की।।इसके बावजूद दलहनों के भाव समर्थन मूल्यों से बेहद कम रहे थे ।मोटवानी ने बताया कि मार्च माह के शुरुवात में पूरे विश्व मे कोरोना महामारी का आतंक होने से इतिहास में पहिली बार पूरे विश्व के लोग ,और सभी देशों के शासन बुरी तरह हिल गए।।भारत सरकार ने भी देश मे सुरक्षा बचाव की दृष्टि से 21 दिनों का लॉक डाउन की घोषणा की पूरा तंत्र कोरोना वायरस से सुरक्षा ,बचाव कार्यों में जुट गया।और लोगों में उसके बचाव के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया।

मोटवानी ने बताया इस दौरान देश की जनता को मांसाहार से परहेज होने लगी।क्यो की यह वायरस भी चमगादड़ के कारण पैदा हुआ था।।सभी को मांसाहार खाने से भय होने लगा।उसके परिणामस्वरूप देश मे दालों की खपत संभावित 25% बढने के आसार हो गए।।इसके पूर्व देश मे प्रतिमाह 21 लाख टन दलहन की खपत रहती थी जो बढ़कर 26 लाख टन हो गयी।।यह हमारा सौभाग्य है कि देश मे और सरकार के पद दलहनों की कोई कमी नही है।।सरकार ने लोगो से इसीलिए पैनिक बाइंग से बचने को कहा।।सरकार के पास 435 लाख टन खाद्यानों के अधिशेष भंडार है।

जिसमे से 272.19 टन चावल ,162.79 टन गेहूं मौजूद है।करीबन 37 लाख टन दालों का संग्रहण है।सरकार देश मे 5 लाख राशन की दुकानों के माध्यम से प्रत्येक लाभार्थी कोआज 1 अप्रैल को 5 किलो गेंहू और 5 किलो चावल 1 किलो दाल एक माह का राशन देने जा रही है जिससे गरीब जरूरतमंद परिवार की पूर्ति आसानी से होंगी।। मोटवानी ने बताया कि वर्तमान में देश मे दालों का पर्याप्त स्टॉक है। वर्तमान में ट्रांसपोर्टिंग व्यवस्था बंद होंने से माल मंडियो से नही आ पा रहा है।कुछ ट्रांसपोर्ट माल ला रहे है।लेकिन भाड़ा आने जाने का ले रहे है क्यो की बंद के दौरान वापसी का माल नही मिलता है उसी वजह सेभाड़े बढ़ने से हल्के भाव बढे है।लेकिन लॉक डाउन समाप्त होने से भाव फिर कम होंगे।वर्तमान में मिलों में कच्चा माल खत्म होने से उत्पादन प्रभावित हुआ है।।श्रमिकों की भारी समस्या है।अतिशीघ् इसका भी समाधान हो जाएगा।।वर्तमान में देश मे दाले और अनाज ही बेहद कम मूल्य पर उपलब्ध है।।मांसाहार के सभी आइटम की तुलना में 1 किलो दाल जो कि एक परिवार कई दिनों उपयोग कर सकता है।।दालों में प्रचुर विटामिन आउट प्रोटीन उपलब्ध है।। और सरकार दालो की आपूर्ति बढ़ाने के लिए आयात नीति को भी सुदृड़ बना सकती है।।वैसे अभी दालो का पर्याप्त स्टॉक देश मे है।।

आज देश मे अधिकतम नागरिक मांसाहार खाने से बच रहे जो काम देश के संत समाज ,ज्ञानी , प्रेरक, नही कर पाए एक वायरस का भय जान का खतरा होने पर संभव हो पाया।।बेजुबान जानवरो पर हो रहे भारी मात्रा में कत्ल, चीन में सभी जहरीले जानवर को खाना और प्रकति से खिलवाड़ का नतीजा है यह महामारी, ऐसे समय सभी ने सरकार के निर्देशों का पालन करना जरूरी है।और यह समय भी टल जाएगा।।ईश्वर बहुत दयालु है। हम भारतवासी ईश्वर को मानने वाले आध्यात्मिक लोग है।।हमारे देश का मुखिया माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी इस विकट समस्या से डटकर लड़ रहे है।।

आज देश मे दालों की खपत बढ़ाना अच्छे संकेत है।किसानों को उनकी फसल का अब सही मूल्य मिलेगा।किसान की आत्महत्याएं रुकेगी ।देश का दाल व्यापार विकसित होंगा।और अंत मे एक फ़िल्म का यह गीत चरितार्थ होते लग रहा है।।।” दाल रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ ”

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