कोरोना की चिंता से वृद्धा ने की आत्महत्या
नागपुर: कोरोना वायरस के चलते देश और शहर में लाकडाउन के कारण भविष्य में खाना नहीं मिलने की चिंता में शनिवार की सुबह गिट्टीखदान परिसर की एक वृद्धा ने फांसी लगाकर आत्महत्या की. भविष्य में घर में राशन नहीं होने से खाना नहीं मिलने की चिंता में गिट्टीखदान परिसर स्थित बोरगांव आदिवासी कालोनी निवासी कांताकला कुलमेथे (65) फांसी लगा ली. इस घटना से परिसर में हड़कंप मच गया है.
स्थानीय निवासियों ने बताया कि वृद्धा का कोई परिवार नहीं है. इसलिए वह घर में अकेले ही रहती है. उसके घर के बगल में उसकी भाभी रहती है. वह लोगों के घर खाना बनाने का काम करती है. कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन द्वारा जनता कर्फ्यू के बाद 14 अप्रैल तक पूरे देश में लाकडाउन किये जाने के बाद उसका काम पर जाना बंद हो गया है. इसी के साथ वृद्धा कोरोना वायरस से हो रही मौतें और देश की परिस्थिति की खबरों को लगातार देखते रहती थी.
कोरोना के चलते कब तक ऐसा सब बंद रहेगा, इस बारे में वह आसपास के नागरिकों से पूछते रहती थी. कुछ लोगों ने उसे बताया कि आने वाले 3 महीने तक ऐसी ही स्थिति रहने वाली है. यह बात सुनकर उसे भविष्य में खाने को लेकर चिंता सताने लगी. पिछले कुछ दिनों से वह बेहद परेशान रह रही थी. इसी कारण उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
पुलिस ने किया कारण से किया इंकार
लाकडाउन के चलते घर में राशन नहीं होने के कारण वृद्धा ने आत्महत्या की, इस बात से गिट्टीखदान थाने के पीआई सुनील गांगुर्डे ने इंकार कर दिया है. उन्होंने बताया कि वृद्धा ने शादी नहीं की इसलिए उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है. उम्र के साथ उससे अब काम नहीं हो पाता था. देखभाल के लिए कोई भी व्यक्ति नहीं होने के कारण डिप्रेशन के चलते उसने फांसी लगा ली. हालांकि अब तक आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है. आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज किया गया है.
कोरोना की चिंता से वृद्धा ने की आत्महत्या
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