शिक्षा विभाग के चतुर्थ कर्मी के पदों को नष्ट करने का निर्णय गैरकानूनी
नागपुर– शालेय शिक्षा विभाग की ओर से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदों को नष्ट कर उसको ठेकेदारी स्वरुप में भरने का निर्णय 11 दिसंबर 2020 को राज्य सरकार ने लिया है. इस निर्णय के विरोध में प्रहार शिक्षक संघटना ने इस निर्णय को तत्काल रद्द कर 16 दिसंबर 2020 को राज्य के शालेय शिक्षा विभाग के अप्पर मुख्य सचिव को नागपुर शिक्षा उपसंचालक की तरफ से निवेदन दिया है और इसकी एक प्रति राज्य के शिक्षा राज्यमंत्री बच्चू कडु को भी दी गई है.
मंत्री कडु की ओर से इस मामले में ध्यान देते हुए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद नष्ट करनेवाले राज्य सरकार के निर्णय रद्द करने को लेकर सकारत्मक भूमिका लेते हुए सचिव के साथ 23/12/20 को बैठक का आयोजन किया था. लेकिन किसी कारणवश यह बैठक रद्द की गई. सभा का आयोजन जल्द करने के लिए राज्यमंत्री कडु से शिक्षक संघटना के विभागीय संपर्क प्रमुख देवेंद्र हुलके लगातार प्रयास कर रहे है.
देवेंद्र हुलके के अनुसार अनुदानित स्कुल के पोस्ट माध्यमिक स्कुल सहिंता 1961 के अनुसार निर्मित होने की वजह से वो पूरी तरह से कानून के अनुरूप है. लेकिन स्कुल माध्यमिक स्कुल सहिंता में बदलाव न करते हुए पदों को नष्ट करने का राज्य सरकार का निर्णय गैरकानूनी है. इसलिए राज्य सरकार द्वारा इस निर्णय को रद्द करने की मांग की जा रही है. उन्होंने कहा की मंत्री बच्चू कडु की ओर से इस निर्णय को रद्द करने को लेकर सकारत्मकता दिखाई गई है.
शिक्षा विभाग के चतुर्थ कर्मी के पदों को नष्ट करने का निर्णय गैरकानूनी
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