गोंदिया: नवजात शिशु की मौत , अस्पताल में हंगामा
प्रसव कराने में हुई लापरवाही की शिकायत परिजनों ने डीन से की
गोंदिया बाई गंगाबाई शासकीय जिला महिला अस्पताल में बुधवार 23 दिसंबर शाम 7:30 बजे डिलीवरी के दौरान गर्भ में ही नवजात शिशु की मौत हो गई , जिसकी सूचना मिलते ही परिजनों ने नॉर्मल डिलीवरी के दौरान डॉक्टर्स पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाकर लेबर रूम से लेकर जच्चा-बच्चा वार्ड तक जमकर हंगामा खड़ा कर दिया।
ग्रामीण क्षेत्र के शिवसेना कार्यकर्ता के नवजात शिशु की मौत की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे जिला समन्वयक पंकज यादव , नगरसेवक लोकेश (कल्लू) यादव और दर्जनों शिवसैनिकों ने अस्पताल स्टाफ को खूब खरी-खोटी सुनाई।
महिला चिकित्सक ने शहर थाने को सूचना दी जिसके बाद मौके पर भारी पुलिस बल तैनात हो गया।
गोंदिया शासकीय मेडिकल अस्पताल के डीन डॉ. नरेश तिरपुड़े भी मौके पर पहुंचे उन्होंने पीड़ित परिजनों और शिवसैनिकों की बात सुनी तथा पीड़ित परिवार से लिखित शिकायत पत्र लिया और मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिया जिसके बाद परिजन शांत हुए और मृत शिशु के पार्थिव शरीर को लेकर अपने गांव देर रात रवाना हो गए।
वाक्या कुछ यूं है कि….
गोंदिया तहसील के रावणवाड़ी थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम
चारगांव निवासी डिलेश्वरी ओमप्रकाश टेंभरे को परिजनों ने डिलीवरी के लिए 3 दिन पहले अस्पताल में दाखिल कराया था।
23 दिसंबर बुधवार को प्रसव पीड़ा उठने के बाद पीड़ित परिवार ने ड्यूटी पर तैनात महिला चिकित्सक से गुहार लगाई पेशेंट की हाइट कम है, पहली डिलीवरी है हम लोग रिस्क नहीं लेना चाहते सीजर ऑपरेशन से डिलीवरी कर दो ?
पीड़ित परिवार की ओर से जानकारी देते बताया गया- 23 दिसंबर शाम 4:30 बजे महिला वार्ड मैं अस्पताल स्टाफ द्वारा यह अनाउंस किया गया कि प्रसूति हेतु भर्ती दिशा ( ग्राम मरसवानी तहसील सड़क अर्जुनी ) तथा डिलेश्वरी टेंभरे ( चारगांव , रावणवाड़ी ) इन दोनों पेशेंट का सीजर ऑपरेशन होगा।
शाम 5:13 पर दिशा की सीजर डिलीवरी हुई।
तत्पश्चात डिलेश्वरी टेंभरे के प्रसूति के विषय में महिला डॉक्टर द्वारा कहा गया डिलीवरी नॉर्मल ही होगी , सीजर की जरूरत ही नहीं ?
पेशेंट डिलेश्वरी की मौसी के मुताबिक- डिलीवरी के लिए ले जाते वक्त भी बच्चे के हाथ पैर पेट में चल रहे थे ? मैंने देखी-
आधा – एक घंटा मुंह पर बच्चा बैठा रहा , उन्होंने बहुत कोशिश की, दबा -दबा कर निकालने की लेकिन बच्चा उसी समय दबाते दबाते मर गया ? फिर ये मां को दोष देने बैठे कि उन्होंने ताकत लगाए नहीं करके ऐसा हुआ ?
परिजनों ने महिला चिकित्सक को दोषी करार देते कहा- स्टाफ की लापरवाही से नवजात शिशु की मौत हुई है इस मामले की जांच करवाकर दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
मिली जानकारी के मुताबिक डिलेश्वरी की है यह दूसरी डिलीवरी थी 1 वर्ष पूर्व 4 माह का शिशु पेट में गिर जाने (मिसकैरेज ) हो जाने से बड़ी मुश्किल से परिवार गम से उभरा।
9 माह तक पेट में बच्चे को पालने के बाद डिलीवरी की बारी आई तो टेंभरे परिवार में खुशी का माहौल था लेकिन 23 दिसंबर को जब मृत नवजात शिशु प्रसूता के हाथ में दिया तो सभी के होश उड़ गए और परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए महिला डॉक्टर को खूब खरी-खोटी सुनाई और महिला चिकित्सक बच्चे के पिता को सॉरी बोलकर लेबर रूम से निकल गई।
लिखित शिकायत मिली है , चौकसी जरूरी है , दोषियों पर कार्रवाई होगी- डीन डॉ. नरेश तिरपुड़े
नवजात शिशु के मृत्यु की वजह क्या रही ? के सवाल का जवाब देते गोंदिया शासकीय मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. नरेश तिरपुड़े ने कहा- मैंने अभी बीजीडब्लू अस्पताल के एचओडी मैडम से बात की उनका कहना है-नॉर्मल डिलीवरी हेतु प्रोग्रेस हो रही थी इसलिए उन्होंने सीजर को नहीं लिया ? सिर अगर शिशु का दिख रहा है तो’ क्यों किसी का पेट काटकर बच्चा निकालेगा ? नॉर्मल डिलीवरी जब होते रहती है तो नाल (नाड़ ) कभी-कभी बच्चे की लाइफ में आ जाती है , वह भी हो सकता है कारण ?
फिर भी कोई शिकायत करता है तो चौकसी (जांच) करना जरूरी है अपने को ? पीड़ित परिजनों की लिखित शिकायत स्वीकार कर , जांच जारी है तथा दोषी पाए जाने पर कार्रवाई जरूर होगी।
रवि आर्य
गोंदिया: नवजात शिशु की मौत , अस्पताल में हंगामा
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