स्टैम्प ड्यूटी शुल्क में कमी के बावजूद सरकारी आदेशों का अनुपालन नहीं
अधिकारियों के खिलाफ HC में याचिका दायर
नागपुर– रियल एस्टेट कारोबार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने स्टैम्प ड्यूटी को छह प्रतिशत से घटाकर तीन प्रतिशत कर दिया है, लेकिन अधिकारी आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं, इस बारे में पवन ढिमोले ने बॉम्बे हाईकोर्ट के नागपुर बेंच में याचिका दायर की है.
न्यायमूर्ति सुनील शुकरे और न्यायमूर्ति अविनाश घरोटे की खंडपीठ के समक्ष याचिका पर सुनवाई हुई. इस बीच, उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और अन्य उत्तरदाताओं को नोटिस जारी किया और उन्हें दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है.
महाराष्ट्र स्टैम्प अधिनियम की धारा 9 के तहत राज्य सरकार ने 29 अगस्त, 2020 को जारी परिपत्र के अनुसार स्टैम्प ड्यूटी को तीन प्रतिशत तक घटा दिया है. यह आदेश 1 सितंबर से 31 दिसंबर तक लागू है. आदेश जारी करने का स्पष्ट उद्देश्य है कि खरीदारों को राहत प्रदान करना, घरों की मांग को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना था.
हालांकि, जॉइंट डिप्टी रजिस्ट्रार क्लास -2 ने इस आदेश का पालन नहीं किया है और अधिकारी घर खरीदारों से तीन के बजाय पांच प्रतिशत स्टैम्प ड्यूटी की मांग कर रहे हैं. ऐसा एडवोकेट ढिमोले ने अपनी याचिका में कहा है. एडवाइजर रजनीश व्यास याचिकाकर्ता के वकील थे.
स्टैम्प ड्यूटी शुल्क में कमी के बावजूद सरकारी आदेशों का अनुपालन नहीं
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