मुंडे-तावड़े के दिल्ली जाने के बाद राज्य में ताकतवर हुए फडणवीस
– दिल्ली में फडणवीस समर्थकों का करामात
नागपुर : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उनके ही पक्ष में राजनीतिक विरोधी पूर्व मंत्री द्वय पंकजा मुंडे और विनोद तावडे को भाजपा की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया गया है, लेकिन उनके एक अन्य विरोधी वरिष्ठ भाजपाई एकनाथ खडसे को पार्टी ने सिरे से नज़रअंदाज कर दिया है। इससे यह साफ़ हो गया कि वे जल्द ही पार्टी छोड़ सकते हैं।
पंकजा मुंडे और विनोद तावडे के दिल्ली कूच करने से राज्य में देवेंद्र फडणवीस भाजपा के भीतर और मजबूत हो गए.उन्हें अब सिर्फ उन्हें चुनौती देने वाले मराठा नेता आशीष शेलार ही रह गए हैं।
हाल ही में केंद्रीय भाजपा नेतृत्व ने नई कार्यकारिणी की घोषणा की,जो फडणवीस के लिए काफी राहत भरा रहा. पिछले विधानसभा चुनाव क्षेत्र से विनोद तावडे का टिकट काट दिया गया था, जबकि पंकजा मुंडे विधानसभा चुनाव हार गई थीं। दोनों नेता राज्य की राजनीति में फडणवीस के लिए चुनौती थे।
खडसे दरकिनारे या राज्यपाल ?
भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे को पार्टी ने पूरी तरह से किनारे कर दिया है। पहले तो विधानसभा का टिकट काटा, फिर भाजपा कार्यकारिणी में स्थान नहीं दिया और अब उन्हें राष्ट्रीय संगठन में भी स्थान नहीं दिया गया है। इससे कयास लगाया जा रहा है कि खडसे अब अपनी अलग राह पकड़ने के लिए फ्री हो गए ,यह संभावना हैं कि जल्द ही उन्हें किसी न किसी राज्य का राज्यपाल बनाया जा सकता हैं.
फडणवीस मुंबई प्रदेश कार्यकारिणी गठन में दिखाएंगे ताकत
उल्लेखनीय यह है कि राष्ट्रीय और प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी के गठन के बाद अब लोगों की नजर मुंबई बीजेपी पर टिक गई है। मुंबई अध्यक्ष मंगलप्रभात लोढा के लिए मुंबई की कार्यकारिणी का गठन करना आसान नहीं होगा, क्योंकि पूर्व अध्यक्ष आशीष शेलार ने 125 से ज्यादा पदाधिकारियों की नियुक्त की थी। इनमें से कइयों के पत्ते कटने वाले हैं, जिसे लेकर पार्टी में नाराजगी स्वभाविक है। माना जा रहा है कि जिस तरह से प्रदेश भाजपा के गठन में फडणवीस की ताकत दिखी थी, वही ताकत मुंबई भाजपा कार्यकारिणी में दिखाई देगी।
मुंडे-तावड़े के दिल्ली जाने के बाद राज्य में ताकतवर हुए फडणवीस
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