व्यापारियों और प्रशासन को कोविड-19 संकट पर जीत के लिए बिना किसी घर्षण के कार्य करना चाहिए : दीपेन अग्रवाल
नागपुर– अध्यक्ष दीपेन अग्रवाल के नेतृत्व में चेंबर ऑफ एसोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र इंडस्ट्री एंड ट्रेड (कैमीट) के प्रतिनिधि मंडल ने नागपुर शहर के नवनियुक्त आयुक्त राधाकृष्णन बी. से मुलाकात कर, राज्य की द्वितीय राजधानी नागपुर के व्यापारीक समुदाय की ओर से उनका स्वागत किया.
दीपेन अग्रवाल ने 1 सितंबर 2020 को घोषित रात 9:00 बजे तक काम करने की छूट और कुछ दुकानों को नियमित खुलने की छूट का स्वागत करते हुए कहा कि अब भी बाजार की लगभग 85 से 90 % दुकानों का संचालन ऑड-इवन प्रतिबंधन के अधीन है. उन्होंने आगे कहा कि गैर जरूरी सामानों की दुकानों के लिए ऑड-इवन का नियम लॉकडाउन के अंतिम चरण में अमल में लाया गया था. किंतु मिशन बिगिन अगेन की घोषणा के बाद गुरु मंत्रालय भारत सरकार एवं राज्य सरकार ने समय-समय पर दिशा निर्देश दिए कि अंतर-राज्य और राज्य के भीतर माल के परिवहन पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए. इस परिवेश में ऑड-इवन दुकान नहीं खुलने की प्रथा को माल के परिवहन पर प्रतिबंध के समान ही. उन्होंने आयुक्त से निवेदन किया कि वे ऑड-इवन बंद कर बाजारों को नियमित रूप से कोविड-19 के प्रोटोकॉल्स के साथ खोलने की अनुमति प्रदान करें.
दी होलसेल क्लॉथ एंड यान मर्चेंट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष दिनेश शारडा ने आयुक्त को एलबीटी विभाग की कार्यशैली के बारे में सूचित करते हुए कहा कि तत्कालीन आयुक्तों के दिशा निर्देशों की अवहेलना करते हुए विभाग अंतिम संधि का मौका दिए बिना बेस्ट जजमेंट आर्डर पारित कर रहा है. तथा अपील प्राधिकारी बेस्ट जजमेंट ऑर्डर को चुनौती देने वाली अपीलों को को जुर्माने की रकम रु. 5000 के भुगतान के एवज में स्वीकार नहीं कर रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि एसेसमेंट ऑर्डर पारित करने की निर्धारित समय सीमा के विपरीत तथा राज्य सरकार के विशिष्ट दिशा निर्देशों के बावजूद विभाग बैक-डेट में आदेश पारित कर रहा है. दिनेश शारडा ने निगम आयुक्त से निवेदन किया की वे एलबीटी विभाग को बेस्ट जजमेंट ऑर्डर के पहले अंतिम संधि नोटिस देने तथा अपील अधिकारी को जुर्माने की रकम रु. 5000 की एवज में अपील को सुनवाई के लिए स्वीकार करने के आदेश जारी करें.
धीरज मालूम है निगम और उनके किरायेदारों के बीच लंबित विवाद पर आयुक्त का ध्यान आकर्षित करते हुए बताया कि मनप्पा के लगभग सभी किरायेदारों ने निगम द्वारा किराए में एकतरफा विधि के खिलाफ न्यायालयों में मामले दायर किए हैं. कुछ मामलों में किराया वृद्धि 1000 गुना से भी अधिक है. उन्होंने यह भी बताया कि किराएदार यह स्वीकार करते हैं कि निगम को अपनी उचित आए मिलनी चाहिए एवं किराएदार जिम्मेदार नागरिक होने के नाते निगम के साथ अपने फेडरेशन द्वारा इस विषय के निराकरण के लिए चर्चा शुरू की. विचार-विमर्श समापन के कगार पर था किंतु कोविड-19 लॉकडाउन और उससे उत्पन्न अशांति के कारण वार्ता अपने निर्णायक अंत तक नहीं पहुंच सकी. राज्य के हर निगम में इस प्रकार के मामले निलंबित है. उन्होंने निगमायुक्त से अनुरोध किया कि वह नागपुर महानगरपालिका को ऐसी पहली महानगरपालिका बनाएं जो इस मुद्दे को सोहागपुर ढंग से समाधान कर अपने लिए कम से कम 3 साल से लंबित किराए को अनलॉक करें.
संजय के अग्रवाल उपाध्यक्ष नागपुर (कैमिट) ने महानगर पालिका द्वारा हाल ही में जारी किए गए ट्रेड लाइसेंस अध्यादेश के बारे में आयुक्त को सूचित करते हुए कहा कि यह अध्यादेश महाराष्ट्र नगर निगम अधिनियम 1949 (एमएमसी एक्ट) के प्रावधानों के विरुद्ध है. यह आदेश नागपुर महानगर पालिका के क्षेत्राधिकार के भीतर की जाने वाली प्रत्येक व्यवसाय वाणिज्य और गतिविधियों को नियंत्रित करता है जबकि एमएमसी एक्ट के शेड्यूल डी के अध्याय 18 में सूचीबद्ध कुछ निर्दिष्ट वस्तुएं एवं कार्यों को विनियमित करने का अधिकार देता है. उन्होंने यह भी कहा कि यह आदेश एमएमसी अधिनियम में इस प्रकार के कानून बनाने के लिए शामिल किए गए प्रावधानों को दरकिनार करते हुए जारी किया गया है और दि 27.08.2020 के आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया.
दीपेन अग्रवाल ने अंतिम प्रस्तुति देते हुए कहा कि वर्तमान महामारी के कारण उत्पन्न होने वाली आकस्मिताओं के लिए अतिरिक्त धनराशि जुटाने हेतु महानगर पालिका ने प्रशासनिक अधिकारियों निर्वाचित जनप्रतिनिधियों व्यापार व वाणिज्य और प्रोफेशनल लोगों के प्रतिनिधित्व वाली एक समिति का गठन करना चाहिए ताकि बिना नागरिकों पर भोज डालें महानगर पालिका के लिए संसाधन बढ़ा सकें. नागरिकों पर बोझ डाले बिना निगम राजस्व बढ़ाने के लिए उन्होंने महानगरपालिका की संपत्तियों को चिन्हित कर नियमित आय उत्पन्न करने के लिए ललित प्राइवेट पार्टनरशिप पीपीपी मॉड्यूल के तहत मुद्रीकरण करने; एक तरफा किराए में वृद्धि पर महानगरपालिका और किरायेदारों के बीच गतिरोध कश्मीर समाधान खोजने एवं जिन डेवलपर्स के बिल्डिंग प्लान व अन्य निलंबित याचिका के मुद्दों को हल कर महानगरपालिका के लिए अतिरिक्त आय संयोजन करने का अनुमोदन किया.
आयुक्त राधा कृष्ण ने धैर्य से सबको सुना और नागरिकों पर बोझ डाले बिना महानगरपालिका के राजस्व को बढ़ाने के लिए दिए गए सुझावों की सराहना की. उन्होंने प्रतिनिधि मंडल को सूचित किया कि उनकी पहली प्राथमिकता मानव जीवन को बचाना है तथा शहर में करुणा वायरस के प्रसार को रोकना है. उन्होंने यह भी बताया कि वह बाजारों को खोलने के पक्ष में है तथा इस संबंध में कोई विशिष्ट जानकारी प्रदान की जाती है तो उन पर खुले मन से विचार करेंगे.उन्होंने उठाए गए मुद्दों के समाधान के लिए श्रीधी विस्तृत चर्चा करने का आश्वासन भी दिया. नागपुर के व्यापारियों की ओर से दीपेन अग्रवाल ने धैर्य पूर्वक सुनवाई करने और व्यापारियों की मदद करने के आश्वासन देने के लिए आयुक्त राधाकृष्णन जी का आभार व्यक्त किया.
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