अंततः सरकार झुकी,किया मुंढे का तबादला
– आभास होते ही 2 दिन पूर्व कारेनटाइन हो गए
नागपुर- विवादास्पद छवि के अधिकारी तुकाराम मुंढे को जनवरी के अंत में राज्य सरकार के मुखिया ने अपनी राजनैतिक दुश्मनी निकालने के लिए नागपुर मनपा में भेजा था। लेकिन नागपुर मनपा के सत्ताधारियों का पलड़ा भारी होता देख राज्य सरकार सकते में आ गई और तबादला कर स्थिति संभालने की कोशिश की।
राज्य सरकार ने मुंढे को नागपुर मनपा में सत्ताधारी भाजपाई खासकर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को समर्थकों को परेशान करने के लिए नागपुर मनपा में 28 जनवरी 2020 को भेजा गया। इसके बाद मुंढे ने अपने आका के इशारे पर सत्तापक्ष को पूर्ण रूपेण परेशान करना शुरू किया। इसके लिए मीडिया पर भी पुरजोर दबावतंत्र का सफल इस्तेमाल किया।
मुंढे कि चहलकदमी तब और बढ़ गई जब मुंढे को लेकर सत्ताधारी पक्ष भाजपा में कई गुट हो गए। भाजपा नेता भी दखल देने से परहेज करने लगे।सत्तापक्ष की आक्रमकता सिर्फ वरिष्ठ नगरसेवक दयाशंकर तिवारी तक सीमित रह गई। इसके बाद मुंढे कि पहली आमसभा में तिवारी सह कांग्रेस के वरिष्ठ नगरसेवक हरीश ग्वालवंशी के आक्रामक रुख से घायल मुंढे ने गैरकानूनी रूप से सभा त्याग किया। यही से मुंढे की उल्टी गिनती शुरू हो गई थी। इसके बाद स्मार्ट सिटी की 2 वरिष्ठ महिला अधिकारियों की शिकायत,बतौर स्मार्ट सिटी निदेशक संदीप जोशी,संदीप जाधव का न्यायालय जाना और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का संबंधित केंद्रीय मंत्री को पत्र लिख मुंढे की शिकायत करना और जांच बैठना,हालांकि गडकरी के पत्र को सार्वजनिक करने के लिए एक एमएलसी की अच्छी-खासी खिंचाई हुई,माफी मांगने पर मामला शांत हुआ।स्मार्ट सिटी के सभी निदेशकों का मुंढे के नीत के विरोध में एकजुट होना भी उन्हें महंगा पड़ा। सबसे पहले नागपुर टुडे के प्रतिनिधि ने मुंढे की शिकायत राज्य के मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री कार्यालय में दर्ज करवाई थी।
मुंढे ने पुलिसिया खौफ दिखाकर पिछले 6 माह में शहर भर में एक अलग प्रकार का खौफ पैदा किया। कांग्रेस के विधायक विकास ठाकरे ने भी खुलकर विरोध करते रहे।
जब सर के ऊपर पानी चला गया तो राज्य सरकार के मुखिया बैकफुट पर आ गए और नागपुर में निर्णय लेने में सक्षम भाजपा नेता की खबर भिजवाए कि मुंढे के खिलाफ भाजपा सब मामले वापिस ले तो मुंढे का तुरंत तबादला कर देंगे लेकिन भाजपा नहीं मानी। इसके बाद मुंढे भी कई दफे मुंढे ने भी राज्य सरकार से तबादला करने की ख्वाइश की। अंत में राज्य सरकार मनपा सत्ताधारियों के समक्ष झुके और मुंढे का तबादला का आदेश आज जारी किया।
तबादले की खबर मुंढे को 2 दिन पूर्व ही लग चुकी थी,इसलिए वे घर में खुद को कैद कर लिए थे। इनके तबादले की खबर सुनते ही मनपा के आला अधिकारियों सह सर्वपक्षीय नगरसेवकों,शहर की आम जनता,व्यापारियों में खुशी की लहर छा गई और मुंढे के मुखबिरों के पसीने छूटने लगे।
अंततः सरकार झुकी,किया मुंढे का तबादला
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