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नशा – खुशहाल जिंदगीं को दर्दनाक मौंत के कगार पर ले जाता- डॉ. प्रितम भि. गेडाम

Nagpur Today : Nagpur News

नागपुर– नशीली दवाओं के दुरुपयोग और तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस 1987 से हर साल 26 जून को मनाया जाता है। इस दिन का महत्व लोगों में नशे से संबंधित समस्याओं के बारे में जागरूकता पैदा करना और दूसरी तरफ नशेड़ीयों के नशे को नियंत्रित कर उनपर योग्य इलाज करने के साथ-साथ विश्व स्तर पर नशीली दवाओं के व्यापार को नियंत्रित करना है। हर साल संयुक्त राष्ट्र एक नए थीम के साथ काम करता है, इस वर्ष 2020 का विषय “बेहतर देखभाल के लिए बेहतर ज्ञान” है। कई प्रकार की गलत सूचनाओं के द्वारा नशीली दवाओं की समस्या के समाधान के क्षेत्र को “कमजोर” कर दिया गया है। इस वर्ष का विषय “दवा समस्या” की समझ में सुधार करना और स्वास्थ्य, शासन और सुरक्षा पर इसके प्रभाव का मुकाबला करने के लिए अधिक से अधिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है। यूएनओडीसी इस दिन को चिह्नित करने के लिए व्यक्तियों, गैर-लाभकारी संगठनों, निजी क्षेत्र और सदस्य राज्यों को अपने सोशल मीडिया अभियान में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता है और उन्हें सोशल मीडिया अभियान पैकेज में उपलब्ध संसाधनों पर आकर्षित करने के लिए आमंत्रित करता है।

हर साल अरबों डॉलर की हेरोइन की तस्करी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर की जाती है और दुनिया भर में मादक पदार्थों की तस्करी जारी है। मनुष्य अपनी परंपराओं, रीति-रिवाज़ों, कर्तव्यों, संस्कारों से भटक कर आधुनिकता और स्वार्थवृत्ति के अंधे रास्ते पर निकल गया है। युवाओं में नशे की लत लगातार बढ़ रही है। जीवन में पहली बार नशा किसी दबाव में, तनाव के तहत, जिज्ञासा, दोस्तों के साथ, मजाक-मजाक में, त्योहारों में, आधुनिकता के दिखावे में और अन्य तरीकों से शुरू होता है जो आगे चलकर आदत बन जाती है। नशीले पदार्थ कई प्रकार के होते हैं जैसेः ड्रग्स, शराब, अफीम, भांग, तम्बाकू इसके अलावा गैसोलीन, व्हाइटनर, फेविकल और पेट्रोल जैसे अन्य तेज गंध वाले रसायनों को सूंघना इत्यादी।

नशे के कारणः
जीवन में बेरोज़गारी, हताशा, संघर्ष, तनाव, पतन, नए अनुभव, अवसाद, झूठे बहाने, फैशन, रिश्तों में कड़वाहट, घरेलू कलह, अकेलापन, अज्ञानता, बुरा पड़ोस, शारीरिक और मानसिक बीमारी, असफलता, आर्थिक तंगी, काम का बहाना, थकान, झूठे भ्रम के चलते इंसान, नशे की लत के कारण हमारे अंदर बुरे गुणों को पालता है। आजकल जन्मदिन, शादियों, किसी भी उत्सव के दिनों, सैर, पार्टियों जैसे खुशी के क्षण के नाम पर भी नशा ही दिखता हैं। यह बहुत चिंता का विषय है कि नशे जैसा एक बुरा जहर हमारे समाज में आसानी से उपलब्ध है। यह ज्ञात नहीं है कि यह लत कब किसी के जीवन का हिस्सा बन जाती है और कोई व्यक्ति नशे की लत का आदी बन जाता है। समाज में अपराध का ग्राफ बहुत तेजी से बढ़ रहा है और 50 प्रतिशत अपराध नशे के लिए या नशा के प्रभाव में होते हैं अब तो नकली शराब से मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। नशा सिर्फ नशेडी व्यक्ति को ही नही अपितु उसके घर-परिवार, आस-पड़ोस, समाज को बर्बाद करता है अर्थात बहुत लोगो के जिवन पर दुष्परिणाम करता है।

नशे पर आत्मनियंत्रण के उपाय

· नशे के आदी व्यक्ति द्वारा आत्म-नियंत्रण का निर्धारण सबसे अच्छा नियंत्रण है।

·नशे से दूरी बनाना, उपचार, रोकथाम नियमों का पालन, डॉक्टरों के साथ खुलकर चर्चा, होनेवाली समस्या विशेषज्ञों द्वारा हल करना।

· अकेले न रहें, किसी अपनो के साथ बाते सांझा करे, यदि संभव हो तो हमेशा परिवार के साथ रहें।

· अबतक की लत के खर्चे एंवम उसके द्वारा हुए शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक, वित्तीय और सामाजिक क्षति का मूल्यांकन करें।

· अपना ख्याल रखें, निव्र्यसनी लोगों के संपर्क में रहें, योग-ध्यान लगाएं, व्यायाम – खेलकूद करे, हेल्दी शौक रखें, स्वस्थ तरीके से तनाव से छुटकारा पाएं और नियमित उपचार करें।

· विशेष रूप से, माता-पिता को अपने बच्चों के साथ एक दोस्त की तरह व्यवहार करना चाहिए, उन्हें नियंत्रित करना चाहिए, पालको ने बच्चों को रोज समय देना ही चाहिए, उन्हें बचपन से ही अच्छी और बुरी चीजों का फर्क सिखाना चाहिए, और यह जानना चाहिए कि अपने बच्चे किस तरह के दोस्तों के साथ मेल मिलाप करते हैं, बच्चों को अच्छे संस्कार, शिष्टाचार सिखाना चाहिए और उनके लिए सही वातावरण निर्माण कर देना चाहीए।

·जब भी नशे की इच्छा हो तो अपने परिवार के सदस्यों को, उनकी खुशी, अपने कर्तव्य, ज़िम्मेदारी एंवम वह लक्ष्य याद करना, जिसे हम प्राप्त करना चाहते हैं।

· सकारात्मक लोगों, समूहों, दोस्तों के संपर्क रहें, पुस्तक पढ़ने, लिखने और खुद को व्यस्त रखें।

· पारिवारिक, सामाजिक, वित्तीय जिम्मेदारियों को समझें और अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहें, तनाव मुक्त रहें, खुश रहें ।

डॉ. प्रितम भि. गेडाम

मोबाइल नं. 082374 17041

prit00786@gmail.com

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