जिम पर लटके ताले , कहां से आएंगे निवाले
रोटी गई, रोजगार गया,जिम वालों का कारोबार गया
गोंदिया। आज के समय में हर कोई फिट दिखना चाहता है और रहना चाहता है तथा उसे अपनी लाइफ स्टाइल मेंटेन करने और स्वस्थ रहने की बहुत जरूरत है इसी के चलते जिम की जरूरत बढ़ती जा रही है लिहाज़ा फिटनेस इंडस्ट्री मैं बहुत स्कोप है यह सोच कर गोंदिया जैसे छोटे से शहर में 15 से अधिक फिटनेस सेंटर (जिम) चालू हो गए तो वही शहर में 5 लग्जरी हाईटेक फूली एयर कंडीशनर ओर वेल ट्रेनर , ट्रेडमिल रनिंग मशीन कार्डियक एक्टिविटी की आधुनिक मशीनों के साथ TOM’S जिम ( कुड़वा नाका ) GOLD’S जिम ( रेलटोली) NOBEL जिम ( साईं कंपलेक्स ) UFC फिटनेस क्लब (निर्मल टॉकीज निकट , गणेश नगर ) जैसे इलाकों में खुल गए । लेकिन लाकडाउन के चलते जिम कारोबार की सेहत इस कदर खराब हो चली है कि
कई जिम संचालक फर्स्टटेशन और मेंटल कंडीशन के दौर से गुजर रहे हैं। क्योंकि जिम के पीछे कमाई कम और एक्सपेंसेस खर्चे ज्यादा होते हैं और यह सब करने के बाद कुछ विशेष हाथ में नहीं बचता । ऐसे में जैसे तैसे रोजी-रोटी निकल रही थी कि तभी देशव्यापी तालाबंदी ने इन फिटनेस क्लब पर ताला जड़ दिया।
इस व्यवसाय से जुड़े कई लोगों ने पैशन को प्रोफेशन में कन्वर्ट किया और आज की तारीख में जिम बंद होने की वजह से उनके सामने रोजगार का कोई और ऑप्शन उन्हें नजर नहीं आता इसी के चलते हर जिम संचालक , जिला प्रशासन की ओर इस बात की टकटकी लगाए हुए हैं कि कब उसे जिम खोलने की परमिशन प्राप्त हो और वह अपना कारोबार पुनः शुरू कर पाएं।
गोंदिया जिले में छोटे- बड़े 100 से अधिक जिम है और इनके संचालक , प्रशिक्षक , ट्रेनर , स्टाफ , सफाई कर्मचारी ऐसे मिलाकर लगभग 500-600 से अधिक लोग इस वक्त बेरोजगार हैं और इनके सामने रोजी- रोटी का संकट खड़ा हो गया है। इसके अतिरिक्त जुंबा , एरोबिक्स , योगा क्लासेस भी लगभग बंद होने से सैकड़ों प्रशिक्षकों के समक्ष भी भुखमरी का संकट है।
पैशन को प्रोफेशन बनाया और जिम खोला -टॉम भंडारकर
शहर के कुड़वा नाका इलाके में चल रहे TOM’S जिम के संचालक टॉम भंडारकर ने बताया- एक्सरसाइज करने से आपका यूमिनिटी पावर बढ़ता है , जिम एक ऐसा प्लेस होता है जहां जाकर मोरोली और मोटिवेशनली वर्कआउट करते हैं , जहां प्रॉपर ट्रेनर होते हैं और प्रॉपर गाइडलाइन मिलता है । मैंने पैशन को प्रोफेशन में बदला खुद फिट रहना और दूसरे को फिट देखने में मुझे खुशी मिलती है, इसी सोच के साथ 50 लाख रुपए की लागत लगाकर जिम शुरू किया । इन्वेस्टमेंट किया तो आउटपुट भी होना चाहिए? हमने नॉर्मल जीने के लिए बिल्डिंग रेंट पे करना है , मशीनरी लोन चुकाना है , बेसिक नीड्स जो day-to-day एक्टिविटी की है उसको पूरा करना है ।
रोजी रोटी ठीक- ठाक चल रही थी कि तभी लाकडाउन के चलते हमारा सब कुछ खत्म हो गया। रेलटोली क्षेत्र में TOM’S के दूसरी ब्रांच की शीघ्र ओपनिंग होनी थी वह भी अटक गई। हम जो आयुष मंत्रालय के गाइडलाइन हैं वह सारे नियम सोशल डिस्टेंसिंग , टाइम टू टाइम सैनिटाइजेशन , थर्मल स्क्रीनिंग , मास्क , हैंड ग्लव्स, रजिस्टर एंट्री यह सारी चीजें मेंटेन करने के लिए रेडी है अगर हमें परमिशन मिल जाती है तो ?
कोरोना महामारी के बाद जिम का कारोबार वैसे भी आधा हो जाएगा। वे जिम संचालक जिनके बिल्डिंग रेंट पर है वह तो आर्थिक तंगी में इस वक्त है ही , ढाई माह से हम लोग घरों में खाली बैठे हैं और धंधा चौपट है लिहाज़ा जिला प्रशासन ने सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए हमें जिम खोलने की परमिशन यथाशीघ्र देनी चाहिए।
योगा, जुंबा ओर एरोबिक्स क्लास चलाने की जिला प्रशासन लिखित परमिशन दे- चिंटू शर्मा
विगत 17 वर्षों से जिम व्यवसाय से जुड़े EFFORT जिम ( सर्कस मैदान , गणेश नगर) के संचालक चिंटू शर्मा ने कहा- जिम बिल्डिंग किराए का है , मकान भी किराए का और व्यायाम के उपकरण (मशीनरी) भी बैंक लोन पर है जिसकी हर महीने मोटी किश्त अदा करनी पड़ती है। 10 लोगों के स्टाफ का वेतन , थ्री फेस लाइट कनेक्शन बिल सब खर्च वहन करना पड़ता है। हाल ही में बैंक से 15 लाख का कर्ज लेकर जिम में इंटीरियर करवाया था कि तभी लाकडाउन लग गया। 15 मार्च से जिम बंद पड़ा है ढाई माह से हम लोग घर में खाली बैठे हुए हैं। सभी के सामने रोजी-रोटी का संकट है और इस धंधे का भविष्य अनिश्चित ? आने वाले समय में लोग जिम में आने से घबराएंगे निश्चित ही जिम कारोबार पर इसका असर पड़ेगा।
हमारा तो सब कुछ बर्बाद हो गया है ।
जिला प्रशासन से हमारी अपील है जब तक जिम को परमिशन नहीं मिलती तब तक हमारे पास अलग हॉल उपलब्ध है वहां योगा जुंबा , एरोबिक्स क्लास चलाने की लिखित परमिशन दी जाए ताकि रोजी रोटी चलती रहे तथा हम जिम संचालक, ट्रेनर्स स्टॉफ , सफाई कर्मचारी के लिए भी सरकार राहत पैकेज का ऐलान कर आर्थिक मदद करें।
रवि आर्य
जिम पर लटके ताले , कहां से आएंगे निवाले
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