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नागपुर सेंट्रल जेल में ड्रग तस्कर आबू खान ने की आत्महत्या की कोशिश

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Nagpur Cetral jail

नागपुर: सेंट्रल जेल में बंद मध्यभारत का कुख्यात एमडी ड्रग्स तस्कर आबू उर्फ फिरोज खान अजीज खान (48) ताजबाग सक्करदरा निवासी ने बैरक में फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया। घटना सोमवार की दोपहर में करीब 1.50 बजे हुई। गार्ड डयूटी पर तैनात सुरक्षा रक्षक की सर्तकता से यह घटना टल गई। बताया जाता है कि एम डी ड्रग्स तस्कर आबू की इस हरकत से जेल प्रशासन में खलबली मच गई है।

इस आरोपी पर जेल प्रशासन अब विशेष नजर रख रहा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार कुख्यात आबू पहले गांजा की विक्री करता था। उसके पहले वह केरोसीन का कारोबार करता था। इस आरोपी को मध्य भारत में एमडी तस्कर के रुप में पहचाना जाता है। इस आरोपी ने नागपुर के युवाओं को नशे का आदी बना दिया था। इसके शिकार कई युवाओं के परिजनों ने पुलिस आयुक्त के पास भी शिकायत लेकर पहुंचे थे। शहर पुलिस आयुक्त डा भूषणकुमार उपाध्याय ने इस आरोपी पर शिकंजा कसने के लिए पहले भी कई बार ठोस कदम उठा चुके थे।

आरोपी आबू ने नागपुर या विदर्भ में नहीं। उसने पडोसी राज्यों में भी एमडी ड्रग्स का कारोबार फैलाना शुरू कर दिया था। इस आरोपी की शहर के कई पुलिसवाले मददगार थे। इसलिए वह एम डी ड्रग्स का धंधा बेखौफ होकर करता था। इसके जाल में युवकों के साथ कई युवतियां भी फंसकर ड्रग्स का शौक करने लगी थीं। कॉलेज में इसके साथी इस ड्रग्स का कारोबार करते थे। इसके जाल में शासकीय अस्पतालों में प्रशिक्षण लेने वाले कई प्रशिक्षु डाक्टर भी फंसकर नशे का शौक करने लगे थे। आबू के साथ जुड कर ड्रग्स का कारोबार करने वाले कुछ पुलिस कर्मियों पर गाज गिरी थी। जनवरी 2019 में मादक पदार्थ विरोधी दस्ते ने उसके ताजबाग स्थित अड्‌डे पर छापा मारा। उसके बाद उसके नेटवर्क को तबाह किया गया। आबू के साथ उसके कई साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। उसके साथ तस्करी में लिप्त चार पुलिस अधिकारियों सहित 6 लोगों के खिलाफ शहर पुलिस आयुक्त डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय ने निलंबन की कार्रवाई की थी। 16 जनवरी 2019 से यह कुख्यात आरोपी आबू कारागृह में बंद है। उसे मध्यवर्ती कारागृह के अतिसुरक्षा विभाग (अंडा सेल) में रखा गया है।

सूत्रों के अनुसार सोमवार को दोपहर करीब 1.50 बजे उसके बैरक से कुछ गिरने की आवाज सुनाई देने पर कारागृह रक्षक शरद नीलकंठ जाधव और उनके सहयोगियों ने आबू के बैरक की ओर दौड पडे। आरोपी अंदर की चादर फाडकर उसने उसकी रस्सी तैयार की।उसके एक सिर में उसने पानी पीने के प्लास्टिक के डिब्बे (मग) को बांधा और दूसरा सिरा से फंदा तैयार कर उसे खुद के गले में डाला था। प्लास्टिक के डिब्बे को सिलिंग पंखे पर फेंक कर फांसी लगाने की उसकी तैयारी थी। लेकिन प्लास्टिक का डिब्बा नीचे गिरने से आवाज आई और कारागृह के सुरक्षा रक्षक दौड पडे, जिससे उसका आत्महत्या करने का प्रयास विफल हो गया। उसे तुरंत बैरक से बाहर निकाला गया। आरोपी आबू के खिलाफ धंतोली थाने में शिकायत की गई। धंतोली पुलिस ने आत्महत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है।

जेल में मची खलबली
उक्त घटना के बाद जेल में आबू ने जमकर हंगामा खडा किया। यह जानकारी मिलते ही कारागृह अधीक्षक अनुप कुमरे और उनके सहयोगी उसके बैरक की ओर पहुंचे। कुमरे ने आबू का समुपदेशन किया। वह कुछ भी सुनने और समझने के लिए तैयार नहीं था। वह कह रहा था कि अब मुझे जीना नहीं है।यह कहते हुए वह जोर जोर से चिल्ला रहा था।

कारागृह रक्षकों ने कुछ दिर बाद मोबाइल के माध्यम से आबू की पत्नी और मां से संपर्क किया और उसकी बातचीत कराई। उसके बाद शाम को आबू शांत हुआ। उसके बाद उसे दोबारा वापस अंडा सेल बैरक में भेजा गया। कारागृह प्रशासन की ओर से जेल रक्षक शरद जाधव ने धंतोली थाने में शिकायत दर्ज कराई। धंतोली पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

नशे का आदी है आबू
सूत्रों ने बताया कि एमडी तस्कर आबू खुद भी उसका नशा करता है। उसे एमडी की लत है। वह उसके सेवन के बिना परेशान हो जाता है। कारागृह के अति सुरक्षा विभाग में उसे रखे जाने के कारण उसे कुछ भी नहीं मिल पा रहा था। 16 महीने से उसे जमानत भी नहीं मिली है। इस बात से वह परेशान हो गया था। नशा नहीं करने के कारण उस पर सनक सी सवार हो जाती थी। संभावना जताई जा रही है कि एमडी ड्रग्स नहीं मिल पाने के कारण उसने यह कदम उठाने का प्रयास किया होगा।

फिल्मी स्टाइल में पकड़ा गया था आबू
ड्रग्स माफिया आबू को फिल्मी स्टाइल में शहर पुलिस ने पकड़ा था। उसकी गिरफ्तारी के बाद गोवा, मुंबई सहित अन्य देशों से जुड़े ड्रग्स तस्करों का पर्दाफाश हुआ था।

आबू जब 16 वर्ष का था तभी अपराध की दलदल में कदम रखा था। आबू की गिरफ्तारी के बाद उसकी निशानदेही पर शहर पुलिस का दस्ता अमीर खान आतिक खान (मुंबई), मोहम्मद वकार ऊर्फ गौस मोहद अनीस, जावेद उर्फ बाबा खान और अशद अहमद अशफाक अहमद को गिरफ्तार कर 4 लाख का एमडी पावडर के साथ गिरफ्तार किया था। यह कार्रवाई अपराध शाखा पुलिस विभाग के तत्कालीन उपायुक्त संभाजी कदम के मार्गदर्शन में जनवरी 2019 में की गई थी।

आबू को जब पुलिस पकडने गई थी तब वह फिल्मी गुंडे की तरह बनियान और बरमुडा पर भागने लगा था। लेकिन पुलिस ने उसे दबोच लिया था। उसके पास से 2 लाख 10 हजार रुपए की 70 ग्राम एमडी ड्रग्स जब्त किया गया था। जांच के बाद आरोपी जावेद और अशद का नाम सामने आया था।

इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस दस्ते ने 1 लाख, 77 हजार रुपए की एमडी जब्त की थी। बाबा को आबू का राईट हैंड माना जाता है। इस कार्रवाई के समय ही आबू ने कई पुलिसवालों के नाम उजागर किया था।

नागपुर सेंट्रल जेल में ड्रग तस्कर आबू खान ने की आत्महत्या की कोशिश



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